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रणथम्भौर का किला

रणथम्भौर दुर्ग (सवाई माधोपुर) :-

रणथम्भौर का किला 



  • निर्माण - रणथम्भन देव (रन्ति देव) चौहान
  •  उपनाम-रणतपुर दुर्ग /एरण दुर्ग
  •  रणथम्भौर कि दुर्ग राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित है। 
  • यह एक एरण दुर्ग है एरण दुर्ग वह होते हैं जो चारों तरफ से कटीली झाडियों, घने जंगलों तथा छोटी छोटी पहाडियों से घिरे होते हैं जैसे रणथम्भौर का किला। 
  •  तेरहवीं शताब्दी के के अन्त में जलालुद्दीन खिलजी ने इसे जीतने का प्रयास किया था परन्तु असफल रहा इस पर उसने 1290 में कहा था कि मैं ऐसे दस किले मुसलमान के एक बाल के बराबर भी नहीं समझता। उस समय यहां का शासक हम्मीर था। 
  •  इसके बाद लगभग 1301 में अलाउद्दीन खिलजी ने इस किले पर आक्रमण किया तब यहां का शासक हम्मीर देव वीर गति को प्राप्त हुआ। 
  •  तथा हम्मीर की पत्नी रानी रंगा देवी ने जौसर किया 1301 में हुआ यह जौहर राजस्थान का पहला जौहर था। 
  •  इसी के साथ हम्मीर की पुत्री देवल दे ने जलकुंड में डूबकर आत्म उत्सर्ग किया इस कारण इसे जल जौहर भी कहा गया है। 
  •  अमीर खुसरो ने इस समय कहा था की कुफ्र कि घर अब इस्लाम का घर बन गया है। 
  •  रणथम्भौर दुर्ग के बिरे में अबुल फजल ने कहा है कि राजस्थान के सभी दुर्ग नग्न हैं किन्तु यह बख्तरबंद है। 
  • इसके अलावा यहां त्रिनेत्र गणेश मंदिर, हम्मीर महल, पद्म तालाब, रानी ड तालाब, जौरा भौरा, पीर सदुद्दीन की दरगाह  आदि दर्शनीय स्थल हैं।
  • सौदर्भ :- चित्र गूगल से, राजस्थान सुजस, 
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