जैन धर्म:-
जैन परम्परा के अनुसार यह धर्म काफी पुराना है इसमें 24तीर्थंकर हुए, प्रथम ऋषभदेव और अरिष्टनेमि का उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है। इस तरह जैन धर्म वैदिक धर्म से अधिक पुराना नहीं तब भी उसके समान प्राचीन तो है ही। बहुत से विद्वान यह भी मानते हैं कि सिन्धु घाटी प्राप्त पुरुष की नग्न धड प्रतिमा का सम्बन्ध जैन तीर्थंकर से हो सकता है ।
23 वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ :-
- यह काशी के राजा अश्वसेन के पुत्र थे। इनका काल महावीर स्वामी से 250वर्ष पूर्व माना जाता है। इन्होने 30 वर्ष की आयु में संन्यास लेकर 70 वर्ष धर्म का प्रचार किया तथा 100 वर्ष की आयु में सम्मेद पर्वत 🗻 पर निर्वाण प्राप्त किया। महावीर स्वामी के माता पिता इनके अनुयायी थे।
- पार्श्वनाथ द्वारा प्रतिपादित चार महाव्रत सत्य, अहिंसा अपरिग्रह, तथा अस्तेय ।
24 वें तीर्थंकर महावीर:-
यह जैन धर्म के संस्थापक नही वरन अंतिम वे सबसे प्रसिद्ध तीर्थंकर थे। लेकिन इन्हे जैन धर्म का वास्तविक संस्थापक भी कहा जाता है।
- जीवन परिचय
- नाम - वर्धमान
- जन्म-540ई.पू.
- जन्म स्थान - कुण्डलपुर वैशाली
- पिता - सिद्धार्थ
- माता - त्रिशला
- पत्नी - यशोदा
- तप - 12वर्ष
- गृहत्याग - 30 वर्ष की आयु में
- कैवल्य - 42 वर्ष
- उपाधि - केवलिन , जिन, अहं, निर्ग्रंथ, महावीर,
- मोक्ष- 468ई.पू.
- .स्थान - पावा
ईसा पूर्व छठी शताब्दी में हुए धार्मिक आन्दोलनों में जैन व बौद्ध धर्म प्रमुख थे, तथा बौद्ध धर्म ने ब्राह्मणवाद को अत्यधिक आघात लगाया। इस धर्म की स्थापना गौतम बुद्ध ने की थी और इस धर्म के तीन आधार स्तम्भ या त्रिरत्न बुद्ध, धम्म और संघ हैं।
महात्मा बुद्ध |
महात्मा बुद्ध का जीवन परिचय :-
- नाम- सिद्धार्थ
- जन्म - 566 ई. पू.
- स्थान. - लुम्बिनी गांव कपिलवस्तु, नेपाल
- पिता - राजा शुद्धोदन
- माता- महामाया
- मौसी- प्रजापति गौतमी
- पत्नी - यशोधरा
- पुत्र - राहुल
- गृह त्याग - 29 वर्ष
- ज्ञान प्राप्ति - 35 वर्ष
- अन्य नाम- बुद्ध, तथागत
- महापरिनिर्वाण - 483ई.पू.
- आयु-80वर्ष
- स्थान- कुशीनारा
जैन धर्म में और बौद्ध धर्म मे अंतर:-
1.जैन धर्म के ग्रन्थ प्राकृत में है जबकि बौद्ध धर्म के पाली में.
2.जैन धर्म की दो संगति हुई पहली पाटलीपुत्र में(300 ई. पू.) वे दूसरी वल्लभी (513ई.)में। जबकि बौद्ध धर्म की चार संगति हुई 1.राज ग्रह 483 ई. पू.
2.वैशाली 383ई.पू.
3.पाटलीपुत्र 251 ई. पू.
4..कश्मीर 1 शताब्दी
3.जैन धर्म के त्रीरत्न सम्यकश्रद्धा, सम्यक ज्ञान, सम्यक आचरणहै। जबकि बौद्ध धर्म के त्रीरत्न बुद्ध, धर्म और संघ है।
4.जैन धर्म में जाति प्रथा का विरोध किया है पर वर्ण व्यवस्था का नहीं, जबकि बौद्ध धर्म में जाति प्रथा व वर्ण व्यवस्था दोनो का विरोध किया है।
5.जैन धर्म में देवताओं को जिन के नीचे रखा है तथा पुनर्जन्म मे विश्वास, जबकि बौद्ध धर्म अनिश्वरवादी, अनात्मवादी, तथा पुनर्जन्म में विश्वास।
6. जैन धर्म अनन्त चतुष्टय, स्यादवाद को मानताहै जबकि बौद्ध धर्म आष्टागिंक मार्ग, क्षण भंगवाद, नैरात्मवाद, प्रतीत्य समुत्पाद सिद्धांत को मानता है।
समानता:-
1.दोनो धर्मों का विकास ब्राह्मणवादी भ्रष्टाचार के विरुद्ध प्रतिरोधी धार्मिक आन्दोलन के रूप में हुआ।
2.वेदो की प्रमाणिकता को अस्वीकार कर दिया
3.दोनो ने सामान्य भाषा में उपदेश दिये।
4.दोनो क्षत्रिय राजकुमार थे।
- संदर्भ:चित्र गूगल से, विकीपीडिया, प्राचीन भारत का इतिहास - झा व श्रीमाली, मध्यकालीन भारत-हरिश्चंद्र वर्मा।
1 Comments
Nice post
ReplyDeleteबौद्ध धर्म के संस्थापक कौन थे