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कलयुगी राम और रावण

कल दशहरा है जिसमें रावण के पुतले का दहन किया जाता है। रावण जिसे दशानन, लंकेश भी कहा जाता है बुराई का प्रतीक है का वध राम ने किया था जो कि अच्छाई का प्रतीक है अतः यह पर्व 🎉 बुराई पर अच्छाई की जीत ✌ का प्रतीक है।
कहा जाता है कि रावण अत्यंत बुद्धिमान, वीर, वेदों का ज्ञाता, प्रकाण्ड पण्डित था मुझे इसके बारे  में ज्यादा जानकारी नहीं फिर भी जितना भी बचपन से राम रावण के बारे मे कहानियों में सुना है और दूरदर्शन 📺 पर रामायण देखकर जाना है उसके अनुसार रावण बुरा व्यक्ति था जिसकी बडी बडी मूंछें, विशाल शरीर, डरावना मुहँ , दिल को दहला देने वाली आवाज, कुल मिलाकर डरावनी छवि ।
और राम की एक आदर्श छवि, एक नायक वाली छवि सभी के दिल दिमाग में बसी है। राम को भगवान के रूप में पूजा जाता है और उनका अनुसरण करने को कहा जाता है।
आज कलयुग में राम व रावण वास्तविक रूप में तो नहीं है किन्तु  बच्चों, युवावर्ग, प्रौढ़ सभी के लिए hero या आदर्श उनके टीवी में आने वाले पात्र, नेता, खिलाडी, कार्टून कैरेक्टर है। इसी तरह विलेन भी टीवी के बुरे पात्र, लडाई झगडा करने वाले, आदि है।
   और आज की पीढ़ी अपने इन आदर्शों का ही अनुसरण करती है तथा उन्हें भगवान की तरह पूजती भी है।
   रावण रामायण का एक बुरा पात्र था और उसकी छवि भी इस तरह की थी कि कोई भी उसे पहचान सकता था  और शायद उनसे दूर रहकर उनसे बचा जा सकता था, किन्तु कलियुग के रावण को कैसे पहचाना जा सकता है जो शायद हर घर में मौजूद हैं पता नहीं किस रूप में हों, इसका अंदाजा हम आए दिन होने वाली भ्रूण हत्या, कन्या वध, दहेज के लिए हत्या, बलात्कार, अपहरण, शारिरिक शोषण, ब्लैकमेलिंग, चाइल्ड ट्रैफिकिंग, बाल मजदूरी, से लगा सकते हैं। जो कि अत्यन्त भयावह है।
   अब बात करते हैं कलयुगी राम, या कलयुगी आदर्श, या कलियुग के hero की जो नेता भी हो सकता है तो अभिनेता भी, लेखक या निर्देशक भी, साधु या सन्त भी। जिसका अनुसरण आज की पीढ़ी करती है और जिसके बारे  में #me too कैम्पेन के तहत नित नए खुलासे हो रहे है।
   इन खुलासों में कितनी सच्चाई है और कितनी नहीं ये तो आने वाला समय ही बताएगा पर इस वक्त जो ठेस जन भावनाओं को, उनके विश्वास को, आस्था को लगी है उसका क्या? क्या इसे लौटाया जा सकता है? क्या इसकी भरपाई हो जाएगी? या ये तथाकथित आदर्श  एसे ही जन मानस को पथभ्रमित करते रहेगे? और उनकी आस्था, आदर्श और  विश्वास का अनुचित लाभ उठाते रहेगें? क्या हमारी भावनाओं से खिलवाड़ करने  वाले इन राम रूपी रावणों को दण्ड दिया जाएगा? क्या प्रताडितों को न्याय मिलेगा।
      ये तो चन्द सवाल है जो आज मेरे मन में उठे हैं पर उन लाखों सवालो का क्या जो देश के करोड़ों दिलों में उठ रहे है क्या उनको उनके सवालों का जवाब कभी मिल पाएगा? 

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