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मुगल शासक जहाँगीर का साम्राज्य विस्तार

मुगल शासक जहाँगीर का साम्राज्य विस्तार :-

अकबर के दो पुत्रों दानियाल व मुराद की मृत्यु पहले ही हो चुकी थी अतः जहाँगीर को उत्तराधिकारी के रुप में चुना गया। व उसका राज्याभिषेक हुआ।
उसे 1606 में खुसरो के विद्रोह का सामना करना पड़ा खुसरो
उसकी पहली पत्नी मानबाई का पुत्र था।
भेरावल का युद्ध - 1606 में खुसरो व जहाँगीर के मध्य भेरावल(जालंधर, लाहौर) में युद्ध हुआ जिसमें खुसरो पराजित हुआ उसे अंधा करवा दिया गया 1622 में शाहजहाँ ने खुसरो की हत्या करवा दी।
तथा खुसरो का साथ देने के कारण सिक्ख गुरु अर्जुन देव को जहाँगीर ने फाँसी की सजा सुनाई।

जहाँगीर का साम्राज्य विस्तार 


जहाँगीर ने अपना पहला सैन्य अभियान मेवाड के महाराणा प्रताप के पुत्र अमर सिंह के विरुद्ध प्रारम्भ किया था।
इस हेतु उसने बहुत से अभियान भेजे-
1.1605 का मेवाड अभियान - शहजादा परवेज के नेतृत्व में देवार दर्रे के पास हुआ युद्ध अनिर्णायक रहा।
2.1608का मेवाड अभियान - महावत खां के नेतृत्व में - अनिर्णायक
3.1609का मेवाड अभियान - अब्दुल्ला खां के नेतृत्व में - अनिर्णायक
4.1613 का मेवाड अभियान - खुर्रम के नेतृत्व में - निर्णायक
5.1615 राणा अमर सिंह व खुर्रम (शाहजहाँ) में संधि हो गई।




यह संधि तब तक ही प्रभावी रही जब तक की औरंगजेब की धर्मान्ध नीतियों के कारण राजसिंह को पुनः संघर्ष के लिए बाध्य नहीं होना पडा।

  • 1608के बाद जहाँगीर ने अहमदनगर के विरुद्ध कई सैनिक अभियान किए। 
  • 1617 में जाकर अहमदनगर के मलिक अम्बर व शहजादे खुर्रम के मध्य संधि हुई।
  • 1620 में यह संधि टूटी व दोनों के बीच युद्ध हुआ और  पुनःसंधि हुई।। जहाँगीर ने इस संधि के ईनाम स्वरुप खुर्रम को शाहजहाँ की उपाधि दी।
  • 1621 में दक्षिण का अभियान समाप्त कर दिया गया।
  • 1620 में उत्तरी पूर्वी पंजाब की पहाड़ियों पर स्थित कांगड़ा के दुर्ग पर अधिकार करना जहाँगीर काल की एक उल्लेखनीय सफलता थी।
  • 1622 में फारस के शाह अब्बास ने कान्धार मुगलों से छीन लिया।
  • 1624 में जहाँगीर को खुर्रम के विद्रोह का सामना करना पड़ा।
  • उसके बाद उसे 1626 में महावत खां के विद्रोह का सामना करना पड़ा।
  • इस के बाद 28 अक्टूबर 1627 को जहाँगीर की मृत्यु हो गई। 





Jahangir's empire expansion:
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 Akbar's two sons Daniyal and Murad had already died, so Jahangir was chosen as the successor. He was crowned. 
  • He faced the rebellion of Khusro in 1606. Khusro was the son of his first wife Manbai. 
  • Battle of Bheraval - In 1606, there was a war between Khusro and Jahangir in Bheraval (Jalandhar, Lahore) in which Khusro was defeated and made him blind. In 1622, Shah Jahan got Khusro killed and Sikh Guru Arjun Dev was sentenced to death by Jahangir for supporting Khusro.

Jahangir's empire expansion:

  •  Jahangir started his first military campaign against Amar Singh, son of Maharana Pratap of Mewar. For this, he sent a number of campaigns - Mewar campaign of 1.1605 - The war near Devar Pass under the leadership of Shahzada Parvez was inconclusive. 
  • 2.Mewar campaign of 1608 - Led by Mahawat Khan -
  • 3. Mewar  campaign of 1609 - led by Abdullah Khan - Inconclusive
  • 4 .Mewar campaign of 1613 indefinite - Led by Khurram - Decisive
  •  5.1615 The treaty was signed in Rana Amar Singh and Khurram (Shah Jahan). 
  • This treaty remained in effect till Aurangzeb's fanatic policies led to Raj Singh's struggle again. Did not have to be forced.
  •  After 1608, Jahangir carried out several military campaigns against Ahmednagar
  • . In 1617, a treaty was signed between Malik Ambar and Shahzade Khurram of Ahmednagar. 
  • In 1620, this treaty was broken and war broke out and reconciled. Jahangir gave Khurram the title of Shah Jahan as a reward for this treaty.
  •  In 1621 the expedition to the south was ended. In 1620, it was a notable success of the Jahangir era, to take over the fort of Kangra, situated on the hills of North East Punjab. K Shah Abbas was snatched away from the Kandhar Mughals. 
  • In 1624 Jahangir faced a rebellion of Khurram. 
  • He then faced the rebellion of Mahawat Khan in 1626, 
  • after which Jahangir died on 28 October 1627.

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