Mukhyamantri एवं मंत्री परिषद्
मुख्यमंत्री एवं मंत्री परिषद्
- अनुच्छेद 163 के अनुसार राज्यपाल को परामर्श देने के लिए एक मंत्री परिषद् होगी जिसका प्रमुख मुख्यमंत्री होगा।
- अनुच्छेद 164 के अनुसार राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री की नियुक्ति की जाती है।
- राज्यपाल मुख्यमंत्री की सलाह से मंत्री परिषद् का गठन करता है।
- मंत्रीयों की नियुक्ति, उनके विभागों का बंटवारा, उन्हें मंत्री पद से हटाने की सिफारिश मुख्यमंत्री ही राज्यपाल को करता है।
- विधानसभा में मुख्यमंत्री बहुमत प्राप्त दल का नेता होता है।
- मंत्री परिषद् में तीन तरह के नेता होते हैं।
- केबिनेट मंत्री
- राज्य मंत्री
- उप मंत्री
- सामुहिक रुप से मंत्री परिषद् विधानसभा के प्रति उत्तरदायी होती है।
- 91 वें संविधान संशोधन 2003 के अनुसार मंत्री परिषद् में मंत्रीयों की कुल संख्या निचले सदन के कुल सदस्य संख्या का 15% से अधिक नहीं हो सकती है।
- जिस तरह राजस्थान में विधानसभा सीटों की संख्या 200 है, अतः यहां मंत्रीयों की कुल संख्या (200का15%)= 30 होगी।
- कोई भी भारतीय नागरिक मुख्यमंत्री या मंत्री बन सकता है चाहे वह विधान सभा या विधानमंडल का सदस्य नहीं है पर उसे 6 माह के अंदर सदस्यता ग्रहण करनी पडती है।
- राज्य की कार्यपालिका का संवैधानिक प्रधान राज्यपाल होता है तथा वास्तविक प्रधान मुख्यमंत्री व उसकी मंत्री परिषद् होती है।
- राजस्थान मंत्रीमंडल
- विधानमंडल
- RPSC and its work
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