ब्लू फ्लैग :-
ब्लू फ्लैग दुनिया का सबसे मान्यता प्राप्त व प्रतिष्ठित स्वैच्छिक इको लेबल अवार्ड है जो समुद्र तटों, मरीना, और sustainable boating tourism operators को दिया जाता है ।
भारत के 13 बीचों को जल्द ही ब्लू फ्लैग का दर्जा इको फ्रेंडली, साफ व अन्तरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर मिलेगा । सम्पूर्ण एशिया महाद्वीप में ब्लू फ्लेग का दर्जा प्राप्त करने वाले पहले भारतीय समुद्र तट है।
ब्लू फ्लैग कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य :-
ब्लू फ्लैग कार्यक्रम के आदर्शों को जनता अपने परिवेश से जोड़े तथा जनता को इन्हे जानने के लिए प्रोत्साहित करना है।
SICOM :-
सोसायटी फॉर इंटीग्रेटेड कोस्टल मेनेज्मेन्ट (SICOM) की देखरेख में भारत के समुद्र तटों को ब्लू फ्लैग के मानकों के अनुसार विकसित किया जा रहा है । कुल 33मानक है जिन्हें पूरा करना होता है जैसे कि समुद्र तट को प्लास्टिक मुक्त व गंदगी मुक्त करना,ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से लैस करना, साफ पानी की उपलब्धता, अन्तराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक पर्यटन सुविधाएं, तथा समुद्र तट के आसपास पर्यावरणीय प्रभावों के अध्ययन की सुविधा आदि विकसित करना होता है।
ब्लू फ्लैग पायलट प्रोजेक्ट का प्रारंभ :-
FEE(फाउंडेशन फॉर इन्वायरमेन्ट एजुकेशन ) ने1985 में फ्रांस के पेरिस से ब्लू फ्लैग का प्रारंभ किया। FEE डेनमार्क के कोपेनहेगन में स्थित है। 2001 मे ं यह यूरोप से बाहर दक्षिण अफ्रीका पहुंचा भारत मे यह 2017मे ं आया।
ब्लू फ्लेग सम्मान पाने वाले समुद्र तट:-
-1. उडीसा के कोकार्ड तट पर चंद्रभागा बीच जिसे पूरे भारत मे सबसे पहले यह अवार्ड मिला।
- भारत के 13 बीचों को यह दर्जा मिलेगा उनमें से कुछ निम्न हैं:
2.महाराष्ट्र का अरावले बीच
- चिवला बीच
- भोगवे बीच
- पुद्दुचेरी का एक बीच
- गोवा का एक बीच
- लक्ष्य द्वीप एक बीच
- अंडमान निकोबार का एक द्वीप
- 5 जून पर्यावरण दिवस के अवसर पर यह सम्मान दिया गया ।
लाभ:-
संदर्भ :नवभारत टाइम्स , www.blueflag.global,
- सबसे ज्यादा फायदा तो पर्यटन के विकास में होगा।
- भारत में देशी व विदेशी पर्यटन बढेगा।
- इसका असर अर्थव्यवस्था पर होगा कि वह मजबूत होगी।
- रोजगार की सम्भावनाओं मे इजाफा होगा।
- लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलेगी।
- पर्यावरण संतुलन बनेगा।
Wikipedia.
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