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  बौद्ध  साहित्य 

बौद्ध धर्म  में बहुत से ग्रंथ लिखे गए हैं । यह बौद्ध ग्रंथ पालि  भाषा में हैं । पाली अर्थात -पाठ /पवित्र पाठ । इन ग्रंथों में भी सबसे प्राचीन बौद्ध ग्रंथ   त्रिपिटक हैं ।     त्रिपिटक में  पिटक का अर्थ है टोकरी  । त्रिपिटक का तीन भागों में बाँटा  गया है । 
  1. सु त्त पिटक 
  2. विनय पिटक 
  3. अभिधम्म पिटक  


1.सु त्त पिटक :-
  यह एनसाइक्लोपीडिया  कहलाता है ।  इसमें  बौद्ध के प्रवचन  या भगवान बुद्ध के धार्मिक  विचार व वचनों का संग्रह है ।  यह सर्वाधिक बड़ा व श्रेष्ठ  पिटक है । इसके अंदर 5 निकाय आते है । सु त्त पिटक  के 5 निकाय निम्न है -
  1. दीघ्घनिकाय 
  2. मज़्झिम निकाय 
  3. अंगुत्तर निकाय 
  4. संयुक्त निकाय 
  5. खुद्दक निकाय 
2. विनय पिटक:-
इस पिटक में भिक्षु - भिक्षुणी के आचरण के नियम हैं । यह खंड तीन खंडों में विभक्त है । 
  1. सुत्त विभंग 
  2. खंदक विभंग 
  3. परिवार विभंग 
इसमे भी सुत्त विभंग के दो भाग हैं -
  1. भिक्खु विभंग 
  2.  भिक्खुनी  विभंग
3.अभिधम्म पिटक :-
इस पिटक की रचना मोगलीपुत्ततिस्स  ने की थी ।तीसरी बौद्ध संगति के समय की थी । इस पिटक के संबंधित सात ग्रंथ हैं । इनमे भी सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ कथावस्तु है 

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