विष्णु शर्मा लिखित पंचतंत्र की कहानियों के अंतर्गत पशु पक्षियों के द्वारा नैतिक ज्ञान दिया गया है|
पंचतंत्र आचार्य विष्णु शर्मा द्वारा संस्कृत में लिखी गई लोककथाओं का संग्रह है । इन लोक कथाओं को पाँच भागों में संकलित किया गया है । ये पाँच भाग हैं –
1. प्रथम तंत्र
2. द्वितीय तंत्र
3. तृतीय तंत्र
4. चतुर्थ तंत्र
5. पंचम तंत्र
इन पांचों तंत्र से मिलकर बना है पंचतंत्र । इन लोककथाओं में भारतीय नीति शास्त्र का सार है । या यूं कहें की इनमें मनु,शुक्र,व चाणक्य जैसे नीतिशास्त्रियों के नीति वाक्यों का सार कथा रूप में दिया गया है । जिनसे मंद बुद्धि व्यक्ति भी गहन नीति की शिक्षा ले सकता है।
आचार्य विष्णु शर्मा की पुस्तक पंचतंत्र का विश्व की अनेक भाषाओं में अनुवाद हो चुका है ।मूल रूप में यह संस्कृत में है । पंचतंत्र की इन्ही कहानियों में से कुछ कहानियों को अपने शब्दों में पिरोकर कहने का प्रयास किया गया है । सर्वप्रथम हम प्रथम तंत्र की कहानियों को कहते है ।
प्रथम तंत्र – मित्र भेद
.इस तंत्र के पढें__
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