मुगल शासक हुमायूं :-
नासिरुद्दीन हुमायूं (1508-1556) |
- नाम - नासिरुद्दीन हुमायूं
- जन्म - 6 मार्च 1508
- पिता - जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर
- माता- माहम सुल्ताना।
- उपनाम - हेबत खान।
- राज्याभिषेक - 30 दिसम्बर 1530
- उम्र - 23 वर्ष
- गुरु- मुहम्मद गौस
- मृत्यु - जनवरी 1556
- कारण - दुर्घटना
- बाबर की मृत्यु के चार दिन पश्चात् उसका ज्येष्ठ पुत्र हुमायूं हिन्दुस्तान के सिंहासन पर बैठा।
- हुमायूं सूफी संतो से प्रभावित था और शत्तारी सूफी सिलसिले के प्रसिद्ध सूफी संत मोहम्मद गौस का शिष्य था।
- 1533-में हुमायूं ने दिल्ली में दीनपनाह( विश्व का शरण स्थल) नगर बसाया। उसे आजकल पुराने किले के नाम से जाना जाता है।
- अकबर इसी का पुत्र था|
- उसने हिसार जिले में फतहाबाद नामक स्थान पर एक मस्जिद बनवाई थी।
- हुमायूं के शासन काल में मुगल चित्रकला की नींव रखी गई। उसके दरबार में मीर सैय्यद अली व अब्दुसम्मद दो चित्रकार थे जिन्होंने मुगल चित्रकला का आरम्भ किया। इन दोनों ने हुमायूं के निर्वासन काल में उसे सेवाएं दी।
- हुमायूं ज्योतिष व भूगोल का अच्छा जानकार था। तथा माहम अनगा के सहयोग से उसने दिल्ली में मदरसा ए बेगम की स्थापना की।
- कहा जाता है कि हुमायूं हमेशा अपने साथ एक चुना हुआ पुस्तकालय लेकर चलता था।
- उसके शासनकाल में बहुत से ग्रन्थों का लेखन हुआ जैसे - मिर्जा हैदर दोगलत ने तारीखें रशीदी, गुरबदन बेगम ने तारीखें रशीदी, जौहर आफतावची ने तजकिरात उल वाकयात तथा रिजकुल्लाह मुस्ताकी ने वाकयात ए मुश्ताक नामक ग्रंथ की रचना की।
- हुमायूं चुंकि ज्योतिषी में अत्यधिक विश्वास करता था सप्ताह में प्रत्येक दिन अलग रंग के कपड़े पहनता था। वह अफीम का भी शौकीन था।
- वह दिल्ली के दीनपनाह भवन में स्थित पुस्तकालय की सीढियों से उतरते हुए गिर गया और उसकी मौत हो गई।
- लेनपूल ने कहा है कि हुमायूं जीवन भर लडखडाता रहा और लडखडाते हुए अपनी जान दे दी।
- संदर्भ -bharatdicoverykosh. Org, मध्यकालीन भारत का इतिहास - हरिश्चंद्र वर्मा
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