आपने अब तक पढा कि राजकुमारी मनिका जब डाकूऔ से लड रही थी तो राजकुमार ने उसकी मदद की। पर वह नही जानता था कि वह राजकुमारी थी। और राजकुमारी भी उसे नही जानती थी पर मदद के बदले में उसने राजकुमार को अपना सोने का खडा दिया व वहाँ से चली गई। राजकुमार अश्विन भी अपने महल वापस आ गया। अब आगे.... . .
राजकुमार और सोने का कडा
राजकुमार तैयार होकर रानी मां से मिलने गया। वहां रानी 👑 सो रही थी वह उनके चरणों के पास गया तथा चरण स्पर्श किये। जैसे ही राजकुमार ने छुआ रानी जाग गयी । और सामने अपने बेटे को देख बहुत खुश हुई। और उसके गले लगा कर रोने लगी, रोते रोते पूछा बेटा तू इतने दिन से कहां था क्या कर रहा था पता है हम सब कितना परेशान थे।
राजकुमार बोला माँ सब्र रखिये मैं सब बताता हूँ फिर वह बताने लगा कि जब वह शिकार पर निकला था तो कैसे रास्ता भटक गया व उसकी याददाश्त भी चली गयी रास्ते में एक लडकी मिली जिसकी उसने मदद की व बदले में उसने मुझे यह सोने का कडा दिया। उसके बाद एक जादूगर मिला जिसने उसे एक टोपी 🎩 दी जिसकी मदद से वो यहां पहुचा।
इस पर रानी ने पूछा कि जिसने यह कडा दिया वह कौन थी? राजकुमार मौन रहा क्योकि वह भी नहीं जानता था कि वह कौन थी पर वह जानना चाहता था। वह बोला मै नही जानता वह कौन थी, पर इतना जानता हूँ कि वह बहुत ही सुन्दर तथा बहादुर थी। यह कह उसने माँ को कडा दिखाया कडा देखकर रानी बोली यह कडा तो बेशकीमती है तो इसे देने वाली भी कोई साधारण कन्या नहीं हो सकती जरूर कहीं की राजकुमारी होगी।
पर वह थी कौन? यह प्रश्न तो अब भी वहीं था। राजकुमार ने बहुत ढूंढने की कोशिश की पर कुछ पता नहीं चल पाया । धीरे धीरे राजकुमार चुप चुप रहने लगा राजा भी यह देखकर परेशान हो गया तब उसे एक उपाय सूझा जिससे वह राजकुमारी 👸 का पता लगा सकते थे। क्या थी वह तरकीब? क्या राजकुमारी 👸 का पता लगा?...........
जानने के लिए पढते रहिए ............
Rajkumari manika ki kahani - 6
पंचतंत्र की कहानी- बुद्धि बड़ी या पराक्रम a moral story
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