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Jai prakash narayan and samajvaad

Jai prakash narayan
 11/10/1902-8/10/1969
         
जे. पी और लोक नायक के नाम से प्रसिद्ध स्वतंत्रता  सैनानी राजनेता जय प्रकाश नारायण एक समाजवादी थे| . . ....
  • जीवन परिचय:-.  
  •  Birth........ 11/10/1902
  • Birth place..... ... Saaran  Bihar 
  • Wife........ Prabhavti devi
  • 1934-.......Congress samajvaadi party banayi
  • 1965... ..... रमन मैग्सेसे पुरस्कार 
  • Death... . 8/10/1979
  • Death place...... Patana Bihar 
  • 1999..... भारत रत्न
  • Book...... 1."Samajvaadi kyu?",
                         2.    "Nation building in India "- 1975
                         3.  "India :struggle for freedom, political, social, aur economic" .
  • 1931 में   जय प्रकाश नारायण आदि ने "बिहार समाजवादी दल " की स्थापना की थी|
  • इसके बाद1930-1932 & 1932-34 के दौरान कुछ जवान कांग्रेसी जिनका गाँधीवादी नेतृत्व व राजनीति से मोह भंग हो गया था वह समाजवादी विचारधारा  की ओर आकर्षत हुए |उन्होंने मार्क्स वादी और समाजवादी विचारधारा का अध्यन किया|फिर आपस के मिले अक्टूबर 1934 में मुम्बई में'कांग्रेस समाजवादी पार्टी की स्थापना की|इसके नेता जय प्रकाश नारायण ,मीनू मसानी,आचार्य नरेन्द्र देव,आचार्य पटवर्धन,अशोक मेहता आदि थे|            
 लेकिन  जय प्रकाश नारायण  और आचार्य नरेन्द्र देव सी.एस.पी. के वरिष्ठ नेता माने जाते थे| जो कि समाजवाद और राष्टट्रवाद के प्रति निष्ठा वान माने जाते थे|सीएसपी का गठन कांग्रेस के भीतर,कार्य करने,उसे मजबूत बनाने,और इसकी नीतियों को आकार देने के लिये किया गया था|न कि   प्रतिद्वंदी राजनीतिक पार्टी के रूप में । 
जय  प्रकाश नारायण के अनुसार कांग्रेस के सामने हमने एक कार्यक्रम रखा है और हम चाहते कि कॉंग्रेस इसको मान  ले ।हम यह नहीं कह रहे कि हम कॉंग्रेस छोड़कर बाहर निकल रहे है। यदि आज हमें सफलता नहीं मिलती ,कल हम फिर कोशिश करेंगे । 
   1936-1939 के मध्य जे. एल . नेहरू और सुभाष चंद्र बॉस कॉंग्रेस के अध्यक्ष बने । नेहरू तीन समजवादियों -  जय प्रकाश नारायण,आचार्य नरेंद्र देव ,अच्युत पटवर्धन को अपनी कार्यकरणी  समिति में नामित किया । 
  • 1937 के चुनावों का भी csp ने विरोध किया था। 
  • 1937 मे जय प्रकाश नारायण कॉंग्रेस में गुटबन्दी हो , हम नेतृत्व   ने कहा था .. 'हम समाजवादी लोग नहीं चाहते कॉंग्रेस में गुटबन्दी हो , हम नेतृत्व में भी प्रतिस्पर्धा नहीं चाहते , हमारी चिंता का विषय  कॉंग्रेस की नीतियाँ और कार्यक्रम है।  
हम कॉंग्रेस के नियमों को प्रभावी भर करना चाहते हैं। पुराने नियमों के साथ केसा भी मतभेद  हो। उनके साथ हम झगड़ना नहीं चाहते समाजवाद के विरुद्ध संघर्ष में  हम सब कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ना चाहते हैं ।   
                1942 के  भारत छोड़ो आदोंलन के दौरान जब गांधी , नेहरू जैसे नेता जेल चले गए तो आंदोलन की बागडोर आचार्य पटवर्धन, अरुणा आसिफ आली, और जेल से फरार होने के बाद जय प्रकाश नारायण जैसे अखिल भारतीय नेताओं ने संभाली । cps के मेम्बर्स ही आदोंलन की अधिकांश गतिविधियों का संचालन कर रहे थे । 
वे भारत के बंटवारे से भी खुश नहीं थे । 
  •   1954  में वह आचार्य विनोबा भावे के सर्वोदय आदोंलन से जुड़ गए ।  उसके बाद 1957 में  उन्होंने राजनीति से सन्यास लेने का निर्णय लिया । .करीब 1960 के अंतिम दशक में  वह पुनः सक्रिय राजनीति में या गए ।   फिर जब 1975 में आपात लागू हुआ तो उस दौरान वह भी बंदी बनाए गए । और 1879 में उनकी बीमारी से मृत्यु हो गई 
1979 me beemari se mrtyu. 

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