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Women in Indian history part - 3

1.लक्ष्मी सहगल(1914-2012):-


इन्होंने तमिल परिवार में जन्म लिया तथा मद्रास मेडिकल कॉलेज से मेडिकल की शिक्षा प्राप्त की। यह एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी थी। तथा आजाद हिन्द फौज में अधिकारी थी। यह आजाद हिन्द फौज में रानी लक्ष्मी बाई रेजीमेंट की कमांडर थी। 1946 में जेल हुई। 1947 में कर्नल प्रेम कुमार सहगल से विवाह किया ।पेशे से यह एक डॉक्टर थी और अन्त तक वह यह कार्य करती रही।



2.रमाबाई पंडिता (1868-1922) :-


इनका जन्म महाराष्ट्र में हुआ। यह एक समाज सुधारक, लेखिका, व सामाजिक कार्यकर्ता थी। इन्होंने 1883 में ईसाई धर्म आपना लिया था। तथा जीवन पर्यन्त महिला उत्थान व शिक्षा हेतु कार्य किया। इन्होने अनेक मराठी व अंग्रेजी पुस्तकों की रचना भी की।
विधवाओं व महिला शिक्षा हेतु 1889 में शारदा सदन की स्थापना की। वेश्याओं को वेश्यावृत्ति के दलदल से निकालने हेतु कृपा सदन  तथा बेसहारा महिलाओं को अश्रय प्रदान करने के लिए मुक्ति सदन की स्थापना की।

3.कामाक्षी नटराजन (1868-1948):-

यह रानाडे तथा महात्मा गांधी की निकट सहयोगी थी। तथा पूर्ववर्ती मद्रास प्रान्त की  प्रमुख समाज सुधारक थी।
इन्होंने 1989 में 'इंडियन सोशल रिफोर्मर' नामक पत्र प्रकाशित किया। इस पत्र में महिलाओं की स्थिति सुधारने, शिक्षा, विधवा पुनर्विवाह, और अन्तर्जातीय विवाहों को बढ़ावा देने की हिदायत की जाती थी।

4.एस. मुत्थुलक्ष्मी रेड्डी (1886-1968):-


इनका जन्म पूर्ववर्ती मद्रास प्रान्त में हुआ।डॉ मुत्थुलक्ष्मी  बीसवीं शताब्दी के भारत की एक महान महिला थी। इन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन सामाजिक कार्यों व महिलाओं तथा बच्चों के कल्याण में लगा दिया।
1926 में मद्रास विधानपरिषद की सदस्य मनोनीत हुई इस पद पर रहते हुए उन्होने देवदासी प्रथा के उन्मूलन में बडा योगदान दिया। वे  भारतीय महिला संघ की स्थापना अर्थात 1917 से ही इसकी सक्रिय सदस्य थी तथ एनी बीसेन्ट की मृत्यु के पश्चात 1933 में इसकी अध्यक्ष बनी। डॉ मुत्थुलक्ष्मी डॉक्टरी पढने वाली प्रथम महिला थी, पहली महिला विधायक बनी, और दुनिया में किसी विधानमंडल की प्रथम महिला उपाध्यक्ष बनी।


5.मीरा बेन (1892-1982):-


मीरा बेन का असली नाम मैडलीन स्लेड था। इनका जन्म 1892 में इंग्लैंड में हुआ।
 यह गांधीजी की शिष्या व  सहयोगी थी तथा मीरा बेन नाम इन्हें गान्धीजी ने  ही दिया।
 1982 में इन्हें  पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।

6. प्रीतिलता वाडेकर (1911-1932):-

 यह बंगाल की बहादुर महिला क्रान्तिकारी थी तथा सूर्यसेन की चटगांव रिपब्लिक आर्मी व युगान्तर की सक्रिय सदस्य थी। इन्होंने पहाडतल्ली में एक यूरोपीय क्लब पर 24 सितम्बर 1932 को क्रान्तिकारीयों के दल का नेतृत्व करते हुए सफल  हल्ला बोला किन्तु उसके बाद जहर खाकर आत्महत्या कर ली।

7.कमलादेवी चट्टोपाध्याय(1903-1988) :-


 इनका जन्म कर्नाटक में हुआ था। यह एक स्वतंत्रता सेनानी के साथ ही प्रसिद्ध समाज सुधारक तथ भारत की हस्तकला क्षेत्र में नवजागरण लाने वाली गांधीवादी महिला थी।
इन्हे 1966 में रमन मैग्सैसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया। तथा सन् 1955 को इन्हें पद्म भूषण व1987 को पद्म विभूषण से अलंकृत किया गया।
भारत की आजादी के पश्चात भारतीय हस्त शिल्प को बचाए रखने मे इन्होने महत्वपूर्ण योगदान दिया ।

8.विजयलक्ष्मी पंडित (1900-1990):-


इनका जन्म इलाहाबाद में हुआ। यह एक स्वतंत्रता सेनानी व नेहरू जी की बहन थी। इनकी आरम्भिक शिक्षा घर पर ही हुई। उन्होंने स्वतंत्रता आन्दोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया व जेल भी गई। 1921 में काठियावाड के वकील रणजीत सीताराम पंडित से विवाह किया   ।यह भारत की प्रथम केबिनेट मंत्री थी। 1953 में ये संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष बनने वाली विश्व की पहली महिला थी।
संदर्भ :चित्र गूगल से, विकीपीडिया, thehindhu, times.intoday, gandhiheritageportal.org,
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