का जन्म 22 मई 1772 को के जिले में हुआ था , उनके बंगाल के नवाब की नौकरी में थे वही से उन्हे '' राय '' की उपाधि मिली और 1850 में मुगल बादशाह ने उन्हे '' राजा की उपाधि प्रदान की . उन्हे बहुत सी लेंग्वेज का ज्ञान था . उन्होने बहुत सी बुक्स लिखी और अखबार का प्रकाशन किया ।राजा राम मोहन राय की कुछ रचनाएं.. ......
- हिंदू उत्तराधिकार नियम
- सम्वाद कौमदी
- प्रज्ञा चंद
- मीरातुल अखबार
- एकेश्वरवादियों का उपहार
- Precept of Jesus :The guide to peace and happiness
1815 में उन्होने '' आत्मीय सभा '' की स्थापना की . जो 20 अगस्त 1828 से " ब्रह्म समाज " के नाम से जानी जाने लगी. ब्रह्म समाज की स्थापना का निम्न उद्देश्य था ........ .
- एकेश्वरवाद की उपासना
- मूर्ति पूजा का विरोध
- पुरोहित वाद का विरोध
- अवतार वाद का खंडन
इनके और ब्रह्म समाज के प्रयासों से 1829 में" सती प्रथा " पर रोक लगी .
राजा राम मोहान राय की मृत्यु इंग्लैंड के ब्रिस्टल में 27 सितंबर 1833 को हुई। . इन्हें आधुनिक भारत के पिता भी कहा जाता है ।
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