गाँधी जी का पूरा नाम मोहन दास करमचंद गांधी था , उनका जन्म 2 अक्टूबर 1969 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था ।उनके पिता का नाम करमचंद गांधी तथा माता का नाम पुतली बाई था उनका विवाह 13 वर्ष की उम्र में कस्तूरबा गांधी से हुआ जिन्हे प्यार से सब बा कहते थे। .
पढ़ाई के लिए विदेश जाते समय उन्होने माँ को मांस, मदिरा और संकीर्ण विचारधारा को त्यागने का वचन दिया जिसका उन्होने पूरा जीवन पालन किया .
विदेश प्रवास के दौरान उन्हे भारतीय होने के कारण कई बार अपमानित होना पड़ा। जिसे उन्हे अंदर तक से हिला दिया . और धीरे धीरे उन्हे समझ आने लगा कि इसका कारण भारतीयों का गुलाम होना है। . अंग्रेजों ने भारत को अपना उपनिवेश बना कर उन्हे गुलाम बना लिया है ।. भारत की स्थिति बदतर हो गयी है सब तरफ अशिक्षा .,अज्ञानता, गरीबी , अत्याचार , है। .जिन्हे अब दूर करना होगा . आगे चलके उन्होने कई आन्दोलनों का नेतृत्व किया ।.इस कारण ही 1919 से 1947 का समय गांधी युग के नाम से जाना जाता है।
1894 कानूनी विवाद के चलते वह साउथअफ्रीका गए , वही अपना पहला अहिंसक आंदोलन किया .
पढ़ाई के लिए विदेश जाते समय उन्होने माँ को मांस, मदिरा और संकीर्ण विचारधारा को त्यागने का वचन दिया जिसका उन्होने पूरा जीवन पालन किया .
विदेश प्रवास के दौरान उन्हे भारतीय होने के कारण कई बार अपमानित होना पड़ा। जिसे उन्हे अंदर तक से हिला दिया . और धीरे धीरे उन्हे समझ आने लगा कि इसका कारण भारतीयों का गुलाम होना है। . अंग्रेजों ने भारत को अपना उपनिवेश बना कर उन्हे गुलाम बना लिया है ।. भारत की स्थिति बदतर हो गयी है सब तरफ अशिक्षा .,अज्ञानता, गरीबी , अत्याचार , है। .जिन्हे अब दूर करना होगा . आगे चलके उन्होने कई आन्दोलनों का नेतृत्व किया ।.इस कारण ही 1919 से 1947 का समय गांधी युग के नाम से जाना जाता है।
1894 कानूनी विवाद के चलते वह साउथअफ्रीका गए , वही अपना पहला अहिंसक आंदोलन किया .
- 1915 में वह भारत वापस आए और पहले तो उन्होने पूरे भारत का भ्रमण किया और यहां की वास्तविक स्थिति के बारे में जाना . वे यहां गोपाल कृष्ण गोखले से बहुत प्रभावित हुए और उन्हे अपना गुरू बनाया । और फिर कई आन्दोलनों का नेतृत्व किया ......
- 1917 चंपारण किसान आंदोलन
- 1918 खेड़ा किसान आंदोलन
- 1918 अहमदाबाद मिल मजदूर आंदोलन
- 1920 असहयोग आंदोलन
- 1930 सविनय अवज्ञा आंदोलन
- 1942 भारत छोड़ो आंदोलन
- किंतु भारत छोडो आंदोलन शुरू होने से एक दिन पहले उन्हे जेल में डाल दिया गया . सो पूरी तरह नेतृत्व नहीं मिल पाया। . फिर 1947 को देश आजाद हुआ और उसका बंटवारा हुआ जिससे भारत और पाकिस्तान बने जो एक बड़ी त्रासदी थी . चारों तरफ दंगे तथा खून खराबा हो रहा था , गांधीजी देश में शांति बनाए रखने का प्रयास कर रहे थे। फिर 30 जनवरी 1948 को नाथू राम गोडसे ने उनकी गोली मार कर हत्या कर दी । इसके साथ ही एक युग ओर युग पुरुष का अंत हो गया।
- गान्धीजी का स्वतंत्रता आन्दोलन में योगदान
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