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औरंगजेब शाही दरवेश और जिंदा पीर या क्रुर बादशाह

 औरंगजेब शाही दरवेश और जिंदा पीर था  एक   या क्रुर बादशाह 

अगर यह सवाल किसी से भी पूछा जाए तो  उसका जवाब होगा  या अधिकांश व्यक्तियों का उत्तर होगा की अरे  इसमें पूछने की क्या बात है यह तो सब  जानते हैं कि भाई औरंगजेब क्रूर मुगल शासक था ।और फिर उसके जवाब  के साथ ही आप बहुत से इसे कारण भी बता देंगे कि वह क्रूर क्यूँ था ।हम आज इस पोस्ट में इसी सवाल के जवाब क ढूँढने का प्रयास  करेंगे । 


मुगल शासक औरंगजेब

   औरंगजेब शाही दरवेश और जिंदा पीर था  एक   या क्रुर बादशाह

मुगल शासक  औरंगजेब (1658-1707) जिसका जन्म  मुगल शासक शाहजहाँ की प्रिय पत्नी मुमताज महल के गर्भ से हुआ था । ये वही मुमताज महल हैं जिनकी याद मे शाहजहाँ ने ताजमहल बनवाया था । 

जानिए ताजमहल के निर्माता और मुगल बादशाह शाहजहाँ के बारे में|

औरंगजेब का विवाह फारस राजघराने की राजकुमारी दिलराज बानो बेगम (रबिया बीबी ) से हुआ था |आप जानते हैं कि इस मुगल शासक का राज्याभिषेक दो बार हुआ था । प्रथम राज्याभिषेक के बाद औरंगजेब ने अबुल मुजफ्फर आलमगीर की उपाधि धारण की ।यह तो हुआ औरंगजेब का एक छोटा सा परिचय ,अब बात करते हैं   औरंगजेब शाही दरवेश और जिंदा पीर था या एक क्रुर बादशाह तो इसके लिए पहले देखते हैं की वह क्रूर शासक कैसे था । 

औरंगजेब एक क्रूर मुगल शासक 

अब हम बात करते हैं कि उसके इसे कौनसे कार्य थे इसके कारण वह क्रूर कहलाया   । तो उसके कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं --

  • हिंदुओं पर तीर्थयात्रा कर लगाया । 
  • औरंगजेब ने हिंदुओं पर जजिया कर लगाया।  
  • 1668 में हिन्दू त्योहारों और उत्सवों पर रोक लगा दी । 
  • 1669 में मुगल शासक औरंगजेब  की  आज्ञा से ही गुजरात का सोमनाथ मंदिर , बनारस का विश्व नाथ मंदिर , तोड़ा गया । था इसी तरह मथुरा में वीर सिंह बुंदेला द्वारा बनाया गया केश्वराय मंदिर भी तोड़ दिया गया । 
  • उसने सिंहासन प्राप्त करने के लिए अपने ही भी दारा शिकोह की हत्या करवा दी। और फिर उसके शव को दिल्ली की सड़कों पर घुमाया गया । 
  • इसी तरह सिंहासन के लिए ही उसने अपने पिता मुगल शासक शाहजहाँ  को कैद खाने मे डलवा दिया । जहां शाहजहाँ ने अपनी जिंदगी के अंतिम दिन  व्यतीत किए ।
  • औरंजेब ने सिक्खों के नवें धर्म गुरु , गुरु तेग बहादुर  प्राणदंड दिया |क्योंकि  वह औरंगजेब की धर्मांध नीतियों का विरोध कर रहे थे । 
  • इसी तरह सिक्खों के दसवें गुरु गोविंद सिंह के दो पुत्रों की भी हत्या इसलिए ही करवा दी क्यूंकि उन्होंने इस्लाम स्वीकार करने से इनकार कर दिया था । 
  • और उसकी ही राजपूत नीति , धार्मिक नीति , दक्षिण की विजय ,उत्तरी भारत की अत्यधिक उपेक्षा जिसके कारण साम्राज्य में विद्रोह होने लगे थे । तथा  औरंगजेब की ये नीतियाँ ही वास्तव ने मुगल साम्राज्य के पतन के लिए बहुत हद तक उत्तरदायी थी । 
मुगल शासक औरंगजेब कालीन विद्रोह-सतनामी,सिक्ख,राजपूत आदि क्यों और कैसे हुए जानिए>>
इन कारणों के अलावा भी बहुत से  और भी  कारण  बताए या गिनाए जा सकते हैं जिससे आप मुगल शासक औरंजेब को क्रूर साबित कर सकते हैं । 


लेकिन तब आपका निर्णय एक पक्षीय ही कहलाएगा । चूंकि हमें हमारे प्रश्न  औरंगजेब शाही दरवेश और जिंदा पीर था  एक   या क्रुर बादशाह पर सही निर्णय देना है तो  हमें दोनों पक्षों को देखना और समझना होगा । ऊपर हमने हमारे सवाल  औरंगजेब शाही दरवेश और जिंदा पीर था  एक   या क्रुर बादशाह के एक पक्ष को देखा अब हम हमारे सवाल  औरंगजेब शाही दरवेश और जिंदा पीर था  एक   या क्रुर बादशाह के दूसरे पक्ष को देखेंगे । 

 तो दूसरा पक्ष है कि औरंगजेब शाही दरवेश और जिंदा पीर था । तो ठीक है शुरू करते हैं ---

जैसा कि हम जानते हैं कि औरंगजेब एक कट्टर सुन्नी मुसलमान था । और वह 1665 में नकशबंदी सूफी सिलसिले का अनुयायी बना। 
  • तो हम बता दें की वह इस्लामी कानूनों को अक्षरशः मानता था ।  ओर  इसलिए ही वह  अपनी कट्टर सुन्नी प्रजा के लिए जिंदा  पीर था । 
  • इसी तरह  उसका रहन सहन बिलकुल सादा था ।वह अपना खर्च स्वयं निकलता था ।  
  • वह रोज़े और नमाज का नियमित रूप से पालन करता था । 
  • तीसरा उसने जीवन भर शराब नहीं पी । इन तीनों कारण से ही वह शाही दरवेश के रूप ने जाना  जाता था।
  •  औरंगजेब का विवाह फारस राजघराने की राजकुमारी दिलराज बानो बेगम (रबिया बीबी ) से हुआ था और उसने अपनी पत्नी के प्रति जीवन भर वफादारी रहा । और जिसके याद में उसने औरंगाबाद मे एक मकबरा बनवाया । जिसे दक्षिण का ताजमहल भी कहा जाता है ।
  • मुगल शासक औरंगजेब खुद बहुत अच्छी वीणा वादन करता था । 
  • उसने संगीत को इस्लाम विरोधी मानकर उसपर पाबंदी लगवा दी थी । औरंगजेब कहता ही की संगीत 'मुबह ' है यह अच्छा है ऑउए ना ही बुरा है । ' मैं संगीत को उसके साज के बिना नहीं सुन सकता । और उस पर पाबंदी है , इसलिए माना गाना  भी  छोड़ दिया । 
  • आधुनिक शोध एवं प्राप्त फरमान इसका प्रमाण हैं कि औरंगजेब ने बहुत से हिन्दू धर्म स्थलों को जमीन भी दान दी थी ।
  • एक बार तो वह युद्ध के मैदान में ही बीच युद्ध में जब नमाज का वक्त हुआ तो  अपनी सवारी पर से उतर कर जमीन पर बैठ कर नमाज अदा करने लगा। 
  उपरोक्त लेख में हमने औरंगजेब शाही दरवेश और जिंदा पीर या क्रुर बादशाह 
  अपने प्रश्न के पक्ष विपक्ष में बहुत सी बाते कही । 

जिन्हे पढ़कर आप भी यह अंदाजा लगा सकते हैं कि  औरंगजेब एक  शाही दरवेश और जिंदा पीर था  या क्रुर बादशाह।  

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