अकबर:-
- पूरा नाम - जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर
- जन्म - 15 अक्टूबर 1542
- स्थान - सिंध (पाकिस्तान)
- पिता - नासिरुद्दीन हुमायूं
- उपनाम- जलाल
- उपाधि - गाजी (पानीपत के युद्ध के बाद), सुल्तान एआदिल/इमाम ए आदिल
- धर्म - सुन्नी (मुसलमान)
- गुरु- सद्र अब्दुलनी
- पुत्र- जहाँगीर (सलीम),
- मृत्यु - 25 अक्टूबर 1605
- कारण - पेचिश
- मनपसंद पुस्तकें - मनस्वी (जलालुद्दीन रुमी), दीवान (हाफिज)
- अकबर का जन्म अमरकोट के राजा वीरसाल के महल में 1542 में हुआ था।
- सर्वप्रथम वह 1551 में गजनी का सूबेदार नियुक्त किया गया।
- 14 फरवरी 1556 को अकबर का राज्याभिषेक पंजाब के गुरदासपुर जिले के करनौल में अब्दुल कासीम के द्वारा हुआ। वह भी बेराम खां की देखरेख में।
- तथा बैराम खां को वजीर बनाया गया वह चार वर्ष इस पद पर रहा।
- पुनः 17 फरवरी 1556 को दिल्ली में अभिषेक हुआ उस समय अकबर मात्र 13 वर्ष व 6 माह का था।
- 1556-1560 तक बैराम खां का प्रतिनिधित्व ( रीजेन्सी) थी।
- 1560-1562 तक अकबर की धाय माहम अनगा का प्रतिनिधित्व में शासन किया इसे पेटिकोट शासन या अतका खेल भी कहा जाता है।
- 1562 में भारमल की पुत्री से अकबर का विवाह हुआ
अकबर के कार्य :-
- इसी वर्ष अर्थात 1562 में उसने दास प्रथा समाप्त की।
- सितम्बर1563 में तीर्थयात्रा कर समाप्त किया।
- 1571 में बुलंद दरवाजा को राजधानी बनाने का निर्णय लिया।
- 1574 में दाग प्रथा, तहसीसा (चेहरा प्रथा), मनसबदारी प्रथा प्रारम्भ की। (18वें वर्ष) इन्ही वर्ष में अबुल फजल से मुलाकात हुई।
- 1575में इबादत खाने (फतहपुर सीकरी) का निर्माण किया।
- 1576 हल्दीघाटी का युद्ध हुआ।
- 1577 में दिल्ली में शाहीटकसाल बनवाई। तथा इसी वर्ष सिक्ख गुरु रामदास को 500 एण्ड जमीन दान दी।
- 1578 में इबादत खाने कै सभी धर्मों के लिए खोला गया अर्थात धर्म संसद बनी।
- 1579 मजहर या कथित आमोघत्व की घोषणा की, स्मिथ ने इसे इनफैविलिटी डिक्री कहा या अचूक आज्ञापत्र कहा।
- 1862-1879 के मध्य अकबर ने, 10 बार मोहम्मद चिश्ती की दरगाह की यात्रा की।
- 1580 में प्रथम जेस्सुइट मिशन ( फतहपुर सीकरी) फादर एकावीवा के नेतृत्व मे आया।
- 1581 में बखतुन्नीसा को काबुल का गवर्नर बनाया। यह सर्वाधिक संकट पूर्ण वर्ष था।
- 1583 में इलाही संवत प्रारम्भ किया तथा मुद्राओं पर कलमा और खलीफाओं का नाम बंद करवाकर सूर्य चंद्रमा की महिमा के पद अंकित करवाए।
- 1885 में अकबर ने फतहपुर सीकरी के स्थान पर लाहौर को अपनि निवास बनाया तत्पश्चात अटक में निवास बनाया।
- अकबर के राजकीय नाव बेडे में 3000 जहाज थे जो बाद में घटकर 768 ही रह गये।
- उसे फारसी नायक अमीर हम्जा अर्थात हजरत मोहम्मद साहब के चाचा के वीरतापूर्ण कारनामों से सम्बन्धित अर्ध पौराणिक फंतासियों से लगाव था उसे वह अपने जनान खाने में रखवाता था।
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